Chitrakote Waterfalls: चित्रकोट वॉटरफॉल को मिलेगा ग्लोबल डेस्टिनेशन का दर्जा, उदयपुर सम्मेलन में बनी सहमति…

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Chitrakote Waterfalls: पिछले दिनों उदयपुर में दो दिवसीय राष्ट्रीय पर्यटन समेलन हुआ। इसमें छत्तीसगढ़ के पर्यटन मंत्री राजेश अग्रवाल ने पर्यटन संभावनाओं और योजनाओं पर केंद्र व अन्य राज्यों के मंत्रियों-अधिकारियों संग विचार-विमर्श किया। समेलन के दौरान चित्रकोट वाटरफॉल एवं इसके आसपास के प्रमुख स्थलों को भी विकसित करने के लिए कार्ययोजना में जोड़ने की सहमति बनी। वर्ल्ड क्लास टूरिस्ट डेस्टिनेशन के लिए जो पैरामीटर होनी चाहिए, उसके अनुसार कार्य करने के निर्देश भी संबंधितों को दिए गए।

मंत्री अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के नियाग्रा कहे जाने वाले चित्रकोट वॉटरफाल को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। इस संबंध में उन्होंने अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इस वर्ष समेलन की थीम ‘वन स्टेट-वन ग्लोबल टूरिज्म डेस्टिनेशन‘ था, जिसके अंतर्गत प्रत्येक राज्य ने अपने प्रमुख पर्यटन स्थलों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए प्रस्तुतीकरण दिया गया।

पर्यटक सर्किट और स्थानीय हस्तशिल्प की वैश्विक ब्रांडिंग पर जोर

छत्तीसगढ़ के पर्यटन विभाग के सचिव डॉ. रोहित यादव ने पीएम नरेन्द्र मोदी के वन स्टेट, वन ग्लोबल डेस्टिनेशन के विजन के तहत छत्तीसगढ़ के धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थलों के विकास के लिए अपनाई जा रही योजनाएं साझा कीं।

उन्होंने राज्य की आदिवासी संस्कृति, जैव-विविधता, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक स्थलों दंतेश्वरी मंदिर, बस्तर, रामगढ़ की गुफाएं, बारनवापारा अभ्यारण्य, मधेश्वर पर्वत आदि को केंद्र में रखते हुए प्रस्तुतिकरण दिया तथा पर्यटक सर्किट, ग्रामीण पर्यटन एवं स्थानीय हस्तशिल्प की वैश्विक ब्रांडिंग पर जोर देते हुए अपनी योजनाएं साझा की। अन्य राज्यों से आए हुए प्रतिनिधि मंडलों से पर्यटन उन्नयन, होमस्टे योजना, इको-टूरिज्म पर भी चर्चा हुई।

जीडीपी में 4 फीसदी वृद्धि का लक्ष्य

केन्द्रीय पर्यटन मंत्री गजेन्द्र शेखावत ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र का योगदान अब भारत की जीडीपी में लगभग 6 प्रतिशत तक पहुंच चुका है, जो अगले कुछ वर्षों में 10 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि भारत का लक्ष्य आने वाले वर्षों में विश्व के शीर्ष दस पर्यटन देशों में शामिल होना है। वर्ल्ड ट्रैवल एंड टूरिज्म काउंसिल इंडेक्स में भारत की रैंकिग 2014 में जहां 60 के आसपास थी।

वहीं, अब यह 39वें स्थान पर पहुंच गई है। यदि केन्द्र और राज्य सरकारें मिलकर काम करें तो अगले पांच वर्षों में भारत इस रैंकिंग को 20वें स्थान तक ला सकता है, और 10 वर्षों में शीर्ष दस देशों में अपना स्थान बना सकता है। इसके लिए केन्द्र सरकार ने 50 ग्लोबल डेस्टिनेशन विकसित करने का लक्ष्य तय किया है।