CG News: केंद्र और राज्य सरकार की ड्रीम योजना को लेकर भारी लापरवाही, निकायों में सोलर सिस्टम लगाने में अधिकारी नहीं दिखा रहे फुर्ती

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CG News: राज्य के नगरीय निकायों का बिजली बिल कम करने के लिए सोलर ऊर्जा का बढ़ावा देना अनिवार्य किया गया है। केंद्र और राज्य सरकार की इस ड्रीम योजना को लेकर लेकिन ज्यादातर निकायों के अधिकारी भारी लापरवाही बरत रहे हैं। वहीं, कुछेक निकायों में ही सोलर सिस्टम लगाया गया है, लेकिन यहां भी बिजली बिल में कोई कमी नहीं आई है। अभी भी निकायों पर करोड़ों में बिजली बिल बकाया है। जानकारी के अनुसार, 184 नगरीय निकायों को मिलाकर 1000 करोड़ से अधिक बकाया बिजली बिल है। इसके समायोजन के लिए निकायों ने शासन को पत्र लिखा था।

कहीं काम कर रहा, कहीं नहीं

कुछ नगर निगम और नगर पालिका में सोलर एनर्जी सिस्टम तो लगाए गए हैं। ज्यादातर नगर निगमों में ये सिस्टम बंद ही पड़े हैं। कारण पैनल इंस्टालेशन नहीं हुए हैं तो कहीं पर इसका उपयोग ही नहीं किया जा रहा है। अचानक बिजली गुल होने पर दिन में निकाय के विभागों में अंधेरा पसरा रहता है।

शासन ने दो दिन पहले कुछ निकायों की राशि जमा की

निकायों के भारी भरकम बिजली बिल का बकाया और सरचार्ज की राशि नगरीय प्रशासन विभाग ने बिजली विभाग में जमा की है। इसमें रायपुर और बिरगांव नगर निगम की राशि अभी जमा नहीं की गई है। जिन निकायों की राशि जमा की गई, उनकी भी राशि अभी भी लाखों-करोड़ों में है।

बिजली बिल और एनर्जी ऑडिट

सभी 184 नगरीय निकायों में बिजली बिल और एनर्जी ऑडिट होगी। इसके लिए नगरीय प्रशासन विभाग ने नागपुर की डीआर कंसल्टेंट को ऑडिट का काम सौंपा है। ये एजेंसी सभी निकायों के भवनों, स्ट्रीट लाइट, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट आदि का सर्वे कर बिजली की खपत का आकलन करेगी और अनावश्यक रूप से विद्युत खपत को कम करने के लिए सुझाव भी देगी।

नागपुर की कंपनी को सौंपा काम, विद्युत खपत कम करने देगी सुझाव: नगरीय प्रशासन विभाग ने सभी नगरीय निकायों को पत्र जारी कर निर्देशित किया है कि एनर्जी ऑडिट के लिए उक्त संस्था का चयन किया गया है। इसलिए संस्था को एनर्जी के ऑडिट के लिए सहयोग प्रदान करें। जानकारी के अनुसार, सभी निकायों को मिलाकर बिजली बिल एक हजार करोड़ रुपए से अधिक बकाया है।

निकायों का इतना बिजली बिल बकाया

नगर निगम बकाया राशि

रायपुर 296 करोड़ से अधिक

बिरगांव 17 करोड़ से अधिक

धमतरी 10 करोड़ से अधिक

दुर्ग 109 करोड़ से अधिक

भिलाई 163 करोड़ से अधिक

रिसाली 7 करोड़ से अधिक

भिलाई-चरोदा 14 करोड़ से अधिक

राजनांदगांव 47 करोड़ से अधिक

बिलासपुर 151 करोड़ रुपए

कोरबा 3 करोड़ से अधिक

रायगढ़ 10 करोड़ से अधिक

अंबिकापुर 46 करोड से अधिक

चिरमिरी 35 लाख रुपए से अधिक

जगदलपुर 34 करोड़ से अधिक

जियोग्राफिकल डेटा बनेगा

ऑडिट करने वाली एजेंसी निकायों के भवनों, स्ट्रीट लाइट, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, बोरवेल की बिजली खपत का विश्लेषण करेगी। इसके बाद विद्युत उपयोग तथा अव्यय को कम करने के सुझाव देगी। इसके लिए सभी निकायों में लगाए गए मीटर का सर्वे कर जियोग्राफिकल डेटा तैयार किया जाएगा। शासन का मानना है कि एजेंसी के सुझावों को निकाय पर जब काम होगा तो उन बिजली बिल के बकाए का भार कम होगा।

सभी निकायों में सोलर एनर्जी ऑडिट के लिए निर्देश दिए गए हैं। बिजली बिल कम करने की दिशा में काम करने अधिकारियों को सोलर सिस्टम अनिवार्य रूप से लगाने के लिए कहा गया है। जहां सिस्टम बंद पड़े हैं, वहां चालू कराने के लिए कहा गया है।

-अरुण साव, उप मुख्यमंत्री