27 अगस्त से शुरू हो रहे गणोशोत्सव के लिए राजधानी के मूर्तिकार प्रतिमाओं को आकार दे रहे हैं। शहर का माना कैंप प्रतिमाएं बनाने के लिए चर्चित हैशहर की समितियां पंडालों में स्थापित करने के लिए माना कैंप की बनी मूर्तियों को प्राथमिकता देते हैं। यहीं से सबसे ज्यादा मूर्तियां शहर भर में स्थापित की जाती हैं। इसके अलावा अन्य शहरों और राज्यों में भी जाती हैं।प्रतिमाओं पर सफेद रंग करके उन्हें रखा गया है। इन पर रंग-रोगन किया जाएगा। बारिश के कारण अभी प्रतिमाएं गीली हैं। मूर्तिकार पैरा जलाकर इन प्रतिमाओं को सुखाएंगे।माना की बनी मूर्तियों की ओडिशा, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में अच्छी खासी मांग है। इनकी कीमत लाखों रुपए तक होती है। हालांकि अब रायपुर में दूसरे स्थानों और अन्य शहरों में भी मूर्तियां बन रही हैं।शहर के कालीबाड़ी, कोटा, तेलीबांधा, पचपेड़ी नाका, सुन्दर नगर, रामकुण्ड, रायपुरा और अन्य शहरों में नवा रायपुर के नवागांव, दुर्ग के थनौद और औंधी में इनका निर्माण किया जाता है।