आपदा पीड़ितों के मुआवजा और नुकसान की बढ़ेगी धनराशि, धान का 20 हजार प्रति हेक्टेयर तो… जानिए केंद्र सरकार का प्लान?

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raipur

CG News: राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत आपदा प्रबंधन तक दिए जाने वाले मुआवजे की राशि में अगले साल वृद्धि हो सकती है। धान का मुआवजा अगले 20 हजार प्रति हेक्टेयर हो सकता है। अभी 17 हजार प्रति हेक्टेयर दिया जा रहा है। इसके अलावा अन्य प्राकृतिक आपदा से होने वाली राशि में भी वृद्धि हो सकती है। बहरहाल, केंद्र सरकार द्वारा राज्यों से प्रस्ताव मंगाए हैं।

जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2025-26 में प्राकृतिक आपदा से होने वाली हानि पर मुआवजा दिया जाता है। यह राशि राज्यों को एकमुश्त दी जाती है। इसे राज्य शासन अपने स्तर पर मानसून सीजन में बारिश, बाढ़ में फसलों के खराब होने पर जिलों से रिपोर्ट आने के बाद ही संबंधित किसानों को राशि जारी है।

इस साल मिलेंगे 560 करोड़ रुपए

जानकारी के अनुसार, राज्य शासन को आपदा प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार से 560 करोड़ रुपए मिलने वाले हैं। राज्य शासन पिछले साल की मिली राशि से अब तक मुआवजा बांटा है। अब इस मानसून सीजन में हुए प्राकृतिक आपदा के प्रभावित को मुआवजा दिया जाना है, इसलिए केंद्र से मिलने वाली राशि का इंतजार किया जा रहा है।

इन मामलों में प्राकृतिक आपदा का मुआवजा

  • बेमौसम बरसात से फसलें खराब होना ।
  • बिजली गिरने से मौत, बाढ़ में घर ढहना।
  • बाढ़ या तालाब में डूबने से मौत।
  • दुर्घटना में शरीर का कोई अंग खराब होना
  • मवेशियों का बाढ़ आदि में गुम जाना शामिल हैं।

पशुपालन के लिए आर्थिक सहायता भी

राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत लघु और सीमांत किसानों तथा भूमिहीन पशु मालिकों को आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाती है। पशु क्षति के लिए भैंस, गाय, ऊंटनी, याक, मिथुन के लिए 37 हजार 500 रुपए, भेड़, बकरी, सुअर 4 हजार रुपए, ऊंट, घोड़ा, बैल, भैंसा 32 हजार रुपए, बछड़ा, गधा, खच्चर, टटट्, हेफर के लिए 20 हजार रुपए और मुर्गी पालन प्रति लाभार्थी परिवार को 10 हजार रुपए की सहायता की सीमा के अधिक प्रदान की जाती है।