Transfer News: प्रदेश में नए मुख्य सचिव की नियुक्ति के बाद मंत्रालय स्तर पर फेरबदल की शुरुआत हो गई है। इसमें कुछ वरिष्ठ आईएएस अफसरों को दूसरी अहम जिम्मेदारी दी गई थी। इसके साथ ही कई सचिवों के प्रभार में बदलाव हुआ था। अब नवम्बर में राज्योत्सव के बाद एक बार फिर बड़े स्तर पर प्रशासनिक फेरबदल की चर्चा है। ( CG News ) इस बार कलेक्टर कॉन्फ्रेंस के फीडबैक के आधार पर कई जिलों के कलेक्टरों को बदलने की तैयारी है। हालांकि इसमें छोटे जिलों में अच्छा काम करने वाले कलेक्टरों को बड़े जिले की जिम्मेदारी दी जा सकती है। वहीं, कुछ कलेक्टरों का तीन साल पूरा हो रहा है। इस वजह से भी उन्हें बदला जाएगा।
Transfer News: फेरबदल के पीछे कई फैक्टर
दरअसल, प्रशासनिक फेरबदल के लिए पीछे कई अन्य फैक्टर भी काम करेंगे। इस समय एक-दो आईएएस अफसर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं, कुछ नए अफसर भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस आ सकते हैं। पूरी संभावना है कि दीपावली के बाद ऐसी गतिविधियां तेज हो जाएंगी। बताया जाता है कि प्रशासनिक फेरबदल पहले करने की तैयारी थी, लेकिन 1 नवम्बर को राज्योत्सव का दौर शुरू हो जाएगा।
तमाम वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री आ रहे रायपुर
इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित तमाम वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री भी रायपुर आ रहे हैं। इसके अलावा जिलों में भी राज्योत्सव का कार्यक्रम होना है। इसे देखते हुए प्रशासनिक फेरबदल नवम्बर के दूसरे सप्ताह में होने की संभावना है। बताया जाता है कि संभावित फेरबदल की जद में आने वाले अफसरों की सूची तैयार करने का काम भी शुरू हो गया है।
ननकी राम का फैक्टर भी
इस प्रशासनिक फेरबदल में पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर का फैक्टर भी दिखाई दे सकता है। दरअसल, पूर्व गृहमंत्री ने कोरबा कलेक्टर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जिस दिन बस्तर दौरे पर आए थे, उस दिन कंवर को नजरबंद करके रखना पड़ा था। हालांकि शाम को कंवर की मुलाकात भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण देव से हुई थी। इसमें ऐसा आश्वासन मिला था कि कंवर भी शांत हो गए थे।
कलेक्टर कॉन्फ्रेंस की बड़ी भूमिका
मंत्रालय से जुड़े अफसरों का कहना है कि प्रशासन फेरबदल में पिछले दिनों हुई कलेक्टर कॉन्फ्रेंस की अहम भूमिका रहेगी। इसमें मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और नए मुख्य सचिव ने बारीकी से कलेक्टरों के कामकाज का आकलन किया था। इसमें कुछ कलेक्टरों के कामों की तरीफ हुई थीं तो कुछ कलेक्टरों के कामकाज से सरकार असंतुष्ट भी दिखाई थी।
