CG Naxal Surrender: छत्तीसगढ़ में शुक्रवार का दिन नक्सल मोर्चे पर ऐतिहासिक साबित हुआ। राज्य के नक्सल प्रभावित दण्डकारण्य क्षेत्र में कुल 210 माओवादी कैडरों ने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया। दशकों से चल रहे सशस्त्र संघर्ष और हिंसा की राह छोड़कर इन माओवादियों ने सरकार की पुनर्वास नीति और ‘पूना नारकेम’ मुहिम (मुख्यधारा में लौटने की पहल) से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया है।आत्मसमर्पण करने वालों में एक सेंट्रल कमेटी सदस्य, चार डीकेएसजेडसी (Dandakaranya Special Zonal Committee) सदस्य और 21 डिविजनल कमेटी सदस्य शामिल हैं। इसके अलावा कई कुख्यात और वांछित माओवादी नेताओं ने भी हथियार डाल दिए हैं, जो लंबे समय से सुरक्षा बलों के लिए बड़ी चुनौती बने हुए थे।राज्य पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह आत्मसमर्पण न केवल बड़ी राहत है, बल्कि नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में निर्णायक सफलता के रूप में देखा जा रहा है। पुलिस ने बताया कि यह अभियान कई महीनों की कड़ी रणनीति और स्थानीय समुदायों के साथ विश्वास बहाली के प्रयासों का परिणाम है।विशेषज्ञों के अनुसार, यह आत्मसमर्पण इस बात का संकेत है कि अब जंगलों में सक्रिय माओवादी कैडरों का मनोबल टूटने लगा है और वे सरकार की विकास नीतियों व संवाद की राह पर लौटना चाहते हैं। यह घटना राज्य में शांति बहाली और विकास की नई शुरुआत का प्रतीक मानी जा रही है।